कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? जन्माष्टमी व्रत से जुड़े नियम

Krishna Janmashtami 2021


Janmashtami 2021 - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी - जानें क्यों है महत्वपूर्ण


श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस साल 30 अगस्त दिन सोमवार को है। यह महापर्व हिन्दुस्तान में बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता हैं। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को हुआ था, इसी कारण इसको कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं। 


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन भक्त विभिन्न प्रकार से भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति,आयु और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 


कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने का एक विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत रखने के लिए कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना काफी जरूरी होता है। मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप यदि पुरे विधि विधान के साथ किया जाए तो भगवान श्रीकृष्ण शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों के जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर कर देते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। 


जन्माष्टमी की पूजा कैसे करे ?

जन्माष्टमी के दिन व्रत रखते हुए भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरुप की पुरे मन से पूजा करें। भक्त मूर्ति स्थापना पुरे विधि विधान के साथ करे, उसके बाद मूर्ति को गाय के दूध और गंगाजल से अभिषेक करें, और उन्हें साफ़ और सुन्दर वस्त्र पहनाएं। फिर सबसे अंत में श्रीकृष्ण की आरती करें। उसके बाद प्रसाद का वितरण करें। 


कैसे करे दिन की शुरुआत ? 

जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर साफ पानी से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे , पुरे दिन जलाहार या फलाहार ग्रहण करें यदि संभव हो तो निराजलि का व्रत रखे। शाम को पूजा से पहले एक बार स्नान जरूर कर लें उसके बाद पुरे परिवार के साथ भगवान की पूजा करे और प्रसाद वितरण करे। 


क्या खाये जन्माष्टमी के दिन ?

जन्माष्टमी के दिन रसीले फलों का सेवन करना चाहिए। तरबूज ककड़ी और खरबूजे जैसे पानी वाले फलों का सेवन करना चाहिए, केला, सेब और अमरूद भी आप खा सकते हैं। 






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