मन की शांति और डिप्रेशन की समस्या से निजात पाने के लिए इन 5 पावर फुल हिन्दू मंत्रों का जाप करें।
'मंत्र' का अर्थ होता है मन को एकाग्र करना , मन को एक तंत्र में बांधना। यदि अनावश्यक विचार मन में उत्पन्न हो रहे हैं और तो मंत्र सबसे कारगर औषधि है।
पुरे विश्व भर में कोरोना महामारी के कहर से लोग परेशान हैं, इसमें हमारा भारत देश भी हैं। इस महामारी में कई लाख लोग इसकी चपेट में आ गए हैं, कइयों ने तो इस बीमारी से लड़ते लड़ते अपने जान गवा बैठे हैं और कई लोग अभी भी इस महामारी से हॉस्पिटल में जूझ रहे हैं।
कुछ लोग इस महामारी के चलते स्ट्रेस में भी नजर आ रहे हैं। इसकी वजह से अधिकतर लोग घबराहट जैसी समस्या का भी सामना कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में मन को शांत रखना बहुत ही जरूरी है।
मन को शांत रखन के लिए मेडिटेशन के साथ साथ कुछ खास हिन्दू मंत्रों का जाप करने से मन को शांति मिलती है। इन हिन्दू मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को लड़ने और दूर भगाने में बहुत ही कारगर हैं।
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इन हिन्दू मंत्रों का जाप करने से कई और फायदे हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो हिन्दू मंत्र हैं जो आपके मन को शांति प्रदान करने के साथ-साथ आपको स्वस्थ भी रखते हैं।
आइये जानते हैं ऐसे 5 पावर फुल हिन्दू मंत्रो के बारे में जिनमें से किसी एक को प्रतिदिन जाप करने से मन को शांति मिलती हैं, मन की शक्ति बढ़ती हैं और सभी संकटों से मुक्ति भी मिलती है।
1. शिव मंत्र :- ''ऊँ नमः शिवाय''
जाप करे शिव मंत्र का। शिव मंत्र एक ऐसा हिन्दू मंत्र हैं जो आपके मन को शांति प्रदान करने के साथ-साथ आपको स्वस्थ भी रखते हैं। आपका मनोबल बढ़ाने में यह मंत्र बहुत ही प्रभावी हैं। ''ऊँ नमः शिवाय'' भगवान शिव का यह मंत्र बहुत ही सरल व प्रभावी मंत्र है। 108 बार रुद्राक्ष की माला से ''ऊँ नमः शिवाय'' मंत्र का जाप करने से भगवान शिव बहुत अधिक प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव का ध्यान में रख कर इस मंत्र का जाप सुबह या शाम कभी भी कर सकते हैं। इस शिव मंत्र का उच्चारण करने से न सिर्फ शांति मिलती है बल्कि सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं।
2. गायत्री मंत्र - ''ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्"
गायत्री मंत्र का करें जाप। दुनिया का यह एकमात्र ऐसा हिन्दू मंत्र है, जिसका उल्लेख चारों वेदों में किया गया है। यह मंत्रों सभी हिन्दू शास्त्रों में प्रथम और 'महामंत्र' कहा गया है। मेडिटेशन करने वाले ज्यादातर लोग इस मंत्र का जाप करते हैं। इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि नियमित जाप करने वाले व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियां और हर समस्या से दूर रखता हैं। शुद्ध और पवित्र मन से गायत्री मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा सकता है।
3. महामृंत्युजय मंत्र :- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
मृत्यु पर विजय के लिए महामृंत्युजय मंत्र का जाप करे। शिव का महामृंत्युजय मंत्र हर प्रकार के कष्ट से अपने भक्तो को दूर रखता है। इस मन्त्र का जाप शिवलिंग पर गंगा जल और दूध चढ़ाकर करना चाहिए। घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है या बहुत ज्यादा बीमार है तो शुद्ध और पवित्र होकर नियमपूर्वक इस मंत्र का जाप करना चाहिए। महामृंत्युजय मंत्र को संकटमोचक और मृत्यु व काल को टालने वाला मंत्र कहा जाता हैं।
4. विष्णु मंत्र :- ''ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय''
भगवान विष्णु का आमोघ मंत्र। मन को शांत, तनाव को दूर करने, सुख और समृद्धि हेतु भगवान विष्णु के मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। भगवान विष्णु के ''ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय'' मंत्र का जाप एक अमोघ मंत्र है। इस मंत्र के जाप से सभी पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का जाप सूर्यास्त से पहले करना चाहिए। इस अमोघ मंत्र के जाप से दोष से भी राहत मिलती है।
5. हनुमान मंत्र :- ॐ हं हनुमते नम:।
संकटमोचन मंत्र। वैसे तो हनुमानजी के बहुत सारे मंत्र हैं, लेकिन ॐ हं हनुमते नमः मंत्र को रामबाण कहते हैं। इस मंत्र में हनुमान जी की सारी शक्तियां विद्यमान हैं। दिल में किसी भी प्रकार की घबराहट, डर या आशंका है तो निरंतर प्रतिदिन इस मंत्र का जप करें, निरंतर जप करने से मन में आत्मविश्वास बढ़ता है, और सभी कार्य में सफलता और विजय प्राप्त होती हैं। पवित्र और शुद्ध होकर इस मंत्र का जप करने से सारे प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
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